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वज़ू करने के इतने फायदे है जो आपको अभी तक पता ही नहीं होंगे : पढिये इसे - sunni muslim

मेरे प्यारे मुसलमानों ! वज़ू करने के एक नहीं बल्कि बेशुमार फायदे है

आइये आपको बताते है ... जिसे जानने के बाद वज़ू करने का लुत्फ़ बढ़ जायेगा 




  • रसूलुल्लाह सल्लल्लाहुअलैहि वसल्लम का इरशाद है कि जिसने वुजू किया और बेहतरीन तरीका से किया फिर दो रकअतें अदा की और उसके दिल में दुनियावी ख्यालात नहीं आये वह गुनाहों से उस दिन की तरह निकल गया जिस दिन उसकी माँ ने उसे जना था | दूसरी रिवायत के अल्फाज हैं और उसने उन दो रकअतों में कोई ना मुनासिब हरकत नहीं की तो उसके गुज़श्ता गुनाह बख़्श दिये जाते हैं।


  • फरमाने नबवी सल्लल्लाहुअलैहि वसल्लम है क्या मैं तुम्हे ऐसे कामों की खबर न दूं जिन से दर्जात बुलन्द होते हैं और जो गुनाहों का कफ्फारा बनते हैं और वो काम हैं | तकलीफ़ देह वक्त में मुकम्मल वुजू करना, मस्जिदों की तरफ चलना और एक नमाज़ के बाद दूसरी नमाज़ का इन्तेज़ार करना, पस यह पनाहागाहें हैं यह लफ्ज़ आपने तीन मर्तबा फ़रमाये ।


  • हुजूर सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने एक-एक मर्तबा आज़ाए वुजू को धोकर फ़रमाया, यह वुजू है जिस के बगैर अल्लाह तआला नमाज़ कबूल नहीं करता और आपने दो दो मर्तबा आज़ाए वुजू को धोकर फ़रमाया कि जिसने दो-दो बार आज़ाए वुजू को धोया उसे दोहरा सवाब मिलेगा और आपने तीन तीन बार आज़ाए वुजू को धोया और फ़रमाया यह मेरा, मुझसे पहले आने वाले तमाम नबियों का और इब्राहीम अलैहिस्सलाम का वुजू है जो ख़लीलुल्लाह हैं।


  • हुजूर सल्लल्लाहुअलैहि वसल्लम का इरशाद है जो वुजू के वक़्त अल्लाह को याद करता है, अल्लाह तआला उसके तमाम जिस्म को पाक कर देता है और जो शख्स वुजू करते वक्त अल्लाह को याद नहीं करता उसका वही हिस्सा पाक होता है जिस पर पानी लगता है।




  • फरमाने नबवी सल्लल्लाहुअलैहि वसल्लम है कि जो वुजू की हालत में वुजू करता है उसके नाम ए आमाल में अल्लाह तआला दस नेकियां लिख देता है । फ़रमाने नबवी है कि वुजू पर वुजू नूरुन अला नूर है। इन तमाम रिवायतों में आपने नये वुजू की फजीलत की तरफ़ इशारा फरमाते हुए इसकी तरगीब दी है।





    घर को सजाने के लिए नीचे दिख रहे इस्लामी अशिया पर एक नज़र ज़रूर डालें 



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  • फरमाने नबवी सल्लल्लाहुअलैहि वसल्लम है कि जब मुस्लिम बन्दा वुजू करते हुए कुल्ली करता है तो उसके मुंह से गुनाह निकल जाते हैं और जब वह नाक साफ़ करता है तो उस के नाक से गुनाह निकल जाते हैं, जब वह मुंह धोता है तो उसके चेहरे के गुनाह धुल जाते हैं यहां तक कि उसकी आँखों की पुतलियों के नीचे से भी गुनाह निकल जाते हैं, जब वह बाजू धोता है तो उसके नाखुनों के नीचे तक के तमाम गुनाह निकल जाते हैं । जब वह सर का मसह करता है तो उसके सर के गुनाह निकल जाते हैं यहां तक कि कानों के नीचे तक के गुनाह गिर जाते हैं। जब वह पाँव धोता है तो उसके पाँव के नाखुनों के नीचे तक के तमाम गुनाह निकल जाते हैं, फिर उसका मस्जिद की तरफ चलना और नमाज पड़ना उसकी इबादात में दाखिल हो जाता है और मरवी है कि बा वुजू आदमी रोजादार की तरह है।


  • हुजूर सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम का इरशादे गिरामी है कि जिस शख्स ने बेहतरीन वुजू किया फिर फ़रागत के बाद आसमान की तरफ़ नज़र उठा कर कहा "अशहदुअल्ला इल्लल्लाहु वहदहू ला शरीक लहू व अशहदु अनना मुहम्मदनअब्दुह व रसूलुहु " पढ़ा उसके लिए जन्नत के आठों दरवाजे खोल दिये जाते हैं, वह जिस दरवाजे से चाहे दाखिल हो।


  • हज़रते उमर रज़ियल्लाहु अन्हु का कौल है कि बेहतरीन वुजू शैतान को तुझ से दूर भगा देता है ।


  • मुजाहिद रज़ियल्लाहु अन्हु का कौल है, जो शख्स इस बात की ताकत रखता है कि वह बावुजू, ज़िक्र और इस्तिग़फ़ार करते हुए रात गुज़ारे तो उसे ऐसा करना चाहिए क्योंकि रूहें जिस हालत में कब्ज की जाती हैं उसी हालत में उठाई जायेंगी।


  • मरवी है कि हज़रते उमर बिन ख़त्ताब रज़ियल्लाहु अन्हु ने एक सहाबीए रसूल (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) को कअबा का गिलाफ़ लाने के लिए मिस्र भेजा, वह सहाबी शाम के एक इलाका में ऐसी जगह ठहरे जिस के करीब अहले किताब के एक ऐसे बड़े आलिम का सौमआ (इबादत खाना) था कि कोई और आलिम उससे ज्यादा इल्म वाला नहीं था | हज़रते उमर रज़ियल्लाह के कासिद के दिल में उस आलिम से मिलने और उसकी इल्मी बातें सुनने की ख्वाहिश पैदा हुई चुनान्चे वह उसकी इबादतगाह के दरवाजे पर आये और दरवाज़ा खटखटाया मगर बहुत देर के बाद दरवाज़ा खोला गया फिर वह आलिम के पास गये और उससे इल्मी गुफ्तगू करने की फरमाइश की और उसे उस आलिम की काबिलियत से बहुत तअज्जुब हुआ आखिर में उन्होंने दरवाज़ा देर से खोलने की शिकायत की तो वह आलिम बोला कि जब आप आये तो हम ने आप पर बादशाहों जैसी हैबत देखी लिहाजा हम डर गये और हम ने आप को दरवाज़ा पर इस लिए रोक दिया कि अल्लाह तआला ने हज़रते मूसा अलैहिस्सलाम से फरमाया ऐ मूसा! जब तुझे कोई बादशाह खौफजदा कर दे तो तू वुजू कर और अपने घर वालों को भी वुजू का हुक्म दे तू जिस से डर रहा है उससे मेरी अमान में आ जाएगा चुनान्चे हम ने दरवाज़ा बन्द कर दिया यहां तक कि मैंने और इसमें रहने वाले तमाम आदमियों ने वुजू कर लिया फिर हमने नमाज़ पढ़ी इस लिए हम तुझ से बेखौफ हो गए और फिर हमने दरवाज़ा खोल दिया।


    - मुक़शाफ्तुल कुलूब , बाब 64 

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