इत्तेहाद ज़िन्दगी है और इख्तेलाफ मौत
Unity is Power
Unity is Power - sunni muslim
इस हिकायत से समझे :
एक पत्थर लीजिये और कुत्ते या बिल्ली को मारिये ,वो भाग जाएंगे.
फिर वही पत्थर लीजिए और मधु मक्खी को मारिये,
अब देखिये, वो आपका क्या हाल करतीं हैं।
पत्थर भी वही आप भी वही.
फर्क सिर्फ इतना है कि कुत्ता और बिल्ली अकेले थे और मधुमक्खी एकजुट थी। इत्तेहाद में ताकत है।
इसीलिए एकजुट होकर रहो
फिर वही पत्थर लीजिए और मधु मक्खी को मारिये,
अब देखिये, वो आपका क्या हाल करतीं हैं।
पत्थर भी वही आप भी वही.
फर्क सिर्फ इतना है कि कुत्ता और बिल्ली अकेले थे और मधुमक्खी एकजुट थी। इत्तेहाद में ताकत है।
इसीलिए एकजुट होकर रहो
ऐ इमान वालो !!
अल्लाह को तो सफ़ों में भी दरार पसन्द नहीं है, और हम हैं कि दिलों में दरार लिये बैठे हैं ।
बात तो बहुत छोटी है लेकिन इसे लोग समझने से कासिर है | खास करके हिन्दोस्तान में मुसलमानों का इत्तेहाद पूरी तरीके से खत्म हो चूका है |
आप किसी भी नज़रिए से देखिये मुसलमान हर जगह आपको बटा हुआ दिखाई देगा |
और यही वजह है की आज पुरे हिन्दुस्तान में कभी कही , तो कभी कही हमें जान से मार दिया जता है | हमारी माँ और बहनों के इज्ज़तो आबरू को पामाल किया जाता है हमारी मस्जिदे हमारे मदारिस , हमारे मकान , हमारी दूकान , को नुक्सान पहुचाया जाता है उसमे आग लगाई जाती है |
खुले आम न्यूज़ चैनलों पर हमारे खिलाफ प्रोपेगंडा चलाया जाता है | हमारे दीन के खिलाफ बेतुकी और गुस्ताखाना बाते कही जाती है |
लेकिन अफ़सोस की बात है की हम सिर्फ तमाशा देखते है | न तो हमारा कोई कायद है और न ही कोई रहनुमा हम सब अपने आप में ही बटे हुए है | इत्तेहाद से तो हमारा दूर दूर तक कोई रिश्ता ही न हो जैसे और इख्तेलाफ हमारा मुक़द्दर बन गया हो |
इसकी सिर्फ और सिर्फ एक ही वजह है और वो है की " हममें इत्तेहाद नहीं है "
ऐ मेरे मुसलमान भाइयों इत्तेहाद कायम करो | इस वक्त इस से ज़रूरी हमारे लिए कुछ नहीं है | एक इत्तेहाद ही है जो हमें हमारा हक़ दिला सकता है | हमें हमारी पहचान दिला सकता है | हमें हमारे दीन के लिए मजबूती से खड़े होने की ताक़त दे सकता है |
इसके लिए सिर्फ एक इल्तेजा - इत्तेहाद कायम करो
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