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इस्लाम सिर्फ 1400 सालो में दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा मज़हब कैसे बना ? - Wasim Rizvi - Sunni Muslim

वसीम रिज़वी का बेहूदा सवाल लेकिन उस सवाल का माक़ूल जवाब



वसीम रिज़वी के खबासत से कोई ऐसा नहीं है जो वाकिफ न हो वो अक्सर इस्लाम पर , पैगम्बरे इस्लाम पर , शरियते इस्लाम पर , कानूने इस्लाम पर नये नये भद्दे ऐतराज़ करता रहता है | जिसे सुन कर आम मुसलमान ये सोचता है की ये सही कह रहा है |

वसीम रिज़वी ने कहा - आप ये क्यो नहीं मानते की 1400 साल पहले पैदा हुआ मज़हब आज दुनिया का दुसरा सबसे बड़ा मज़हब कैसे बन गया है  ? इस्लाम जो आज दुनिया में दूसरा सबसे बड़ा मज़हब बना ये साजिश के तहत हुआ है |

वसीम रिज़वी के सवाल का जवाब -  आपको ये बताते है की इस्लाम 1400 साल के एक मुख़्तसर वक्त में पूरी दुनिया में कैसे छा गया | पूरी दुनिया में कैसे फ़ैल गया |

  • शहरे मक्का वही मक्का जहाँ हुज़ूर सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम को गालिया दी गयी , उनपर पत्थर बरसाए गए , उनके जिस्म को लहू लुहान किया गया , उनके अपनों ने उन्हें जिस मक्के में सताया | उसी मक्के में जब हमारे पैगम्बर मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम फातेहाना शान के साथ , दस से बारह हज़ार फ़ौज के साथ , पुरे कुवतो ताक़त के साथ जब मक्का में हाज़िर हुए तो वहाँ के लोगो ने जिन्होंने हुज़ूर को गालियाँ दी थी | जिन्होंने मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम को सताया था | हर ऐतबार से जुल्मो सितम किया था उन्होंने सोचा की आज मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम हमें माफ़ नहीं करेंगे लेकिन आका सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम फातेहाना शान के साथ जब अहले मक्का से मुखातिब हुए | जब मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम सबके सामने खड़े हुए तो तमाम जुल्मो सितम , तमाम गलियाँ तमाम ग़म तमाम तकलीफों को दरकिनार करते हुए | सबको माफ़ करने का ऐलान कर दिया | सबको माफ़ कर दिया | जिसके बाद उनके इस रहम दिली से लोग मोतास्सिर हुए और इस्लाम कुबूल कर लिया | इस तरह आज इस्लाम पूरी दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा मज़हब बना हुआ है |

  • जब हमारे मुजाहिदीने इस्लाम ने ग़ैर इस्लामिक इलाको को फतह करना शुरू किया तो वहाँ पे  लोग ये सोचने लगे थे की अब हमारा मुहाफ़िज़ कोई नहीं है | हमारी माँ और बहनों की इज्ज़तो आबरू लूट ली जायेगी | लेकिन जब मुसलमान फतह किये हुए इलाको पर काबिज़ हुआ वहाँ का कानून सम्भाला तो कहा तुम लोग डरो नहीं तुम्हे खौफज़दा होने की कोई ज़रूरत नहीं ( क्योकि मुसलमानों से पहले उन इलाको को जो कौम फतह करती थी वहा लूट पाट करती वहाँ की लडकियों औरतो की इज्ज़तो आबरू को नुक्सान पहुचाती थी )  लेकिन जब इस्लाम के मानने वालो ने उन इलाको को फतह किया तो कहा "तुम लोगो को डरने की की ज़रुरत नहीं आज से तुमारी माँ और बहनो की इज्ज़त की हिफाज़त तुम्हारे जान और माल हिफाज़त हमारी ज़िम्मेदारी है " और जब इस्लाम के रहमदिली का ये पैगाम लोगो तक पहुचा | इस्लाम के मुजाहिदो का ये किरदार लोगो के सामने आया तो लोग इससे मुतास्सिर हुए और इस्लाम कुबूल करने लगे | इस तरह आज इस्लाम पूरी दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा मज़हब बना हुआ है |

  • जब फरूके आज़म खलिफतुल मुस्लेमीन हज़रत उमर रज़िअल्लाहु अन्हु ने बैतुल मुक़द्दस फतह किया फिलिस्तीन तशरीफ़ ले गए तो वहाँ पर ऐलान किया की " यहाँ पर जितने भी कलिशायें है किसी को भी कोई नुक्सान नहीं पहुचाया जायेगा | जितने भी चर्च जितने भी पुजारी है वो सब आज़ाद है पूरी कौम आज़ाद है हर शख्श अपने मज़हब के ऐतबार से इबादत कर सकता है |किसी के भी इबादतगाह को कोई तकलीफ नहीं पहुचाई जाएगी " जब फिलिस्तीन फतह हो गया तो एक इसाई पादरी ने कहा " ऐ खलिफतुल मुस्लेमीन उमर आज आपके फतह का दिन है आज आपने इसे बगैर तलवार चलाये अपने अखलाक से फतह किया है  | आज आप हमारी इबादतगाह में नमाज़ पढ़ लीजिये हज़रत उमर ने जवाब दिया ऐ इसाई पादरी मै तुमारी इबादतगाह में नमाज़ नहीं पढ़ सकता | पादरी ने पूछा आप क्यों नहीं पढ़ सकते ? "  तो ऐ तास्सुब के पुजारियों नफरत के ठेकेदारों इस पर हज़रत उमर जवाब सुनो हज़रत उमर ने कहा "  ऐ पादरी अगर आज मै तुम्हारे इबादतगाह में नमाज़ पढ़ लूंगा तो हो सकता है आने वाले वक्त में मुसलमान ये कहे कि यहाँ पर हमारे खलिफतुल मुस्लेमीन हज़रत उमर रज़िअल्लाहु अन्हु ने नमाज़ पढ़ी है इसे हम मस्जिद बनायेंगे इसलिए मै यहाँ नमाज़ नहीं पढ़ सकता | जो तुम्हारी इबादतगाह है वो तुम्हारी ही इबादतगाह रहे हम उसपर कभी कब्ज़ा नहीं करेंगे " जब वहाँ के लोगो ने खलिफतुल मुस्लेमीन हज़रत उमर रज़िअल्लाहु अन्हु की यी बाते सुनी तो वो इससे मुतास्सिर हुए औए इस्लाम कुबूल किया | इस तरह आज इस्लाम पूरी दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा मज़हब बना हुआ है |

  • इस्लाम जो आज पूरी दुनिया में इतनी तेज़ी से फैला है वो सुफिया ए किराम की वजह से भी फैला है वरना बता दो की इसी हिन्दुस्तान में ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती रज़िअल्लाहु अन्हु कौन सा टैंक लेकर आये थे ? , कौन सा बम बारूद लेकर आये थे ? , कौन सी तलवार , कौन सी बरछी लेकर आये थे ?  कौन सा तीर कमान लेकर आये थे ? गरीब नवाज़ रज़िअल्लाहु अन्हु इनमे से कुछ नहीं लेकर आये थे लेकिन वो अपने साथ इस्लाम की सच्चाई लेकर आये थे , इस्लाम की पाकीज़गी लेकर आये थे , मोहम्मद मुस्तफ़ा सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम का अख्लाक़ लेकर आये थे | जिसकी बुनियाद पर सिर्फ यहाँ की अवाम नहीं बल्कि बड़े बड़े जोगियों ने गरीब नवाज़ रज़िअल्लाहु अन्हु की सीरत से , उनके किरदार से और इस्लाम की सच्चाई से मुतास्सिर होकर करके अपने कुफ्र के लिबादे उतार कर फेक दिए | और इस्लाम कुबूल करके खुले आम ऐलान किया की यही इस्लाम सच है यही इस्लाम हक़ है | इस तरह आज इस्लाम पूरी दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा मज़हब बना हुआ है |

अब आप खुद गौर करे | आज इस्लाम पूरी दुनिया में दूसरा सबसे बड़ा मज़हब क्या ज़ुल्म जब्र से बना ? लालच से बना ? साजिश से बना ? नहीं बल्कि इस्लाम दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा मज़हब बना , और पूरी दुनिया में छा गया उसकी वजह साजिश नहीं है बल्कि वो इस्लाम की सचाई है , इस्लाम की रहमदिली है और मोहम्मद मुस्तफ़ा सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम का नूरानी अखलाकों किरदार है | 


इस्लाम की फितरत में कुदरत ने लचक दी है | 
ये उतना ही उभरेगा जितना की दबाओगे ||


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