फातिहा का आसान तरीका
सबसे पहले वुजू करलें ,बाद वुजू के क़िब्ला रुख बैठ कर जिस चीज पर फातिहा देनी हो या ईसाले सवाब करना हो ! उसको सामने रख लें
अब इस तरह पढ़ें :
सबसे पहले दुरूद शरीफ पढ़ें |
एक बार सूरह काफ़िरून पढ़ें :
बिस्मिल्ला-हिर्रहमा-निर्रहीम क़ुल या अय्युहल काफिरून, ला अ अबुदु मा ताबुदून, वला अन्तुम आ बिदूना मा अ अबुद ,वला अना आबिदुम मा अबद्तुम, वला अन्तुम आबिदूना मा अ अबुद, लकुम दीनुकुम वलि यदीन
तीन बार सुरह इखलास पढ़ें :
बिस्मिल्ला-हिर्रहमा-निर्रहीम क़ुल हुवल्लाहु अहद अल्लाहुस्समद लम यलिद व् लम यूलद वलम य कुल्लहू कुफुवन अहद
एक बार सूरह फ़लक़ पढ़ें :
बिस्मिल्ला-हिर्रहमा-निर्रहीम क़ुल अऊज़ु बि रब्बिल फ़लक़ मिन शर्रि मा खलक़ व मिन शर्रि ग़ासिक़िन इज़ा वक़ब व् मिन शर्रिन नफ्फा साति फ़िल उक़द व् मिन शर्रि हासिदिन इज़ा हसद
एक बार सूरह नास पढ़ें :
बिस्मिल्ला-हिर्रहमा-निर्रहीम क़ुल अऊजू बि रब्बिन नासि मलिकिन नासि इला हिन्नासि मिन श र्रि ल वस् वासिल खन्ना सिल्लज़ी युवस विसु फी सुदु रिन्नासी मिनल जिन्नति वन्नास
एक बार सुरह फातिहा पढ़ें |
बिस्मिल्ला-हिर्रहमा-निर्रहीम अल्हम्दुलिल्लाहि रब्बिल आलमीन !अर्रहमा निर्रहीम ! मालिकि यौमिद्दीन ! इय्याका न अ बु दु व इय्याका नस्तईन ! इह दि नस सिरातल मुस्तक़ीमा ! सिरातल लज़ीना अन अम्ता अलै हिम गैरिल मगदूबी अलै हिम वलद्दाल्लीन (आमीन)
एक बार अलिफ़ लाम मीम पढ़ें :
बिस्मिल्ला-हिर्रहमा-निर्रहीम अलिफ लाम मीम ज़ालिकल किताबु ला रै ब फ़ीह ! हुदल् लिल मुत्तकीनल्लज़ीना यूमिनूना बिल गैबि व युकिमुनस्सलाता व् मिम्मा रजकनाहुम् युनफिक़ून वल्ल्जीना यूमिनू न बिमा उन्ज़िला इलैका वमा उन्ज़िला मिन क़ब्लिक व बिल आख़िरति हुम् युकिनून ! उलाइका अला हुदम् मिर रब्बि हिम व उलाइका हुमुल मुफ़लिहून
व इलाहुकुम व इलाहुं वाहिद ! लाइलाहा इल्ला हुवर्रहमानुर्रहीम ! इन् न रहमतिल्लाहि क़रीबुं मिनल मुहसिनीन ! वमा अरसल न का इल्ला रहमतल लिल आलमीन ! मा का न मुहम्मदुन अबा अ हदिम मिंर रिजालिकुम वला किर रसूलल्लाहि व खात मन नबीय्यीन व का नल्लाहु बिकुल्लि शैइन अलीमा ! इन्नल्लाहा व मलाइक त हू यूसल्लू न अलन्न् बिय्यि ! या अय्यु हल लज़ीना आ मनू सल्लू अलैहि व सल्लिमु तस्लीमा
एक बार दुरूद शरीफ पढ़ें |
दुरूद शरीफ पढने के बाद पढ़ें :
सुब्हाना रब्बिका रब्बिल इज़्ज़ति अम्मा यसीफ़ून व सलामुन अलल मुरसलीन वल्हम्दु लिल्लाहि रब्बिल आलमीन
दुआ करने का तरीका
या अल्लाह ! मैंने जो कुछ भी पढ़ा उसमे जो गलतियाँ हों उसे माफ़ फरमा दे और जो कुछ शिरीनी खाना वगैरह पेश है उसको पेश करने में अगर कोई कोताही हो गयी हो तो अपने महबूब के सदके में माफ़ फरमा |
और इन सब का सवाब सबसे पहले हुज़ूर नबिये करीम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की बारगाहे मुक़द्दस में नज़र है मौला कुबूल फरमा |
हुज़ूर सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम के सदके तुफैल में तमाम अम्बिया ए केराम व असहाबे केराम अज्वाज़े मुताह हरात रज़िअल्लाहु अन्हुम की बारगाहों में नज़र है मौला कुबूल फरमा |
और जुमला ओलीयाए किराम व बुज़ुर्गाने दीन रिज़वान उल्लाहि तअला अलेहिम अजमईन की अरवाहे तय्येबात को इसका सवाब अता फरमा फिर बुज़ुर्गाने दीन के वसीले से जुमला मोमिनीन व मुमिनात की रूहों को इसका सवाब अता फरमा !
बिल ख़ुसूस . . . . . . . . . . . को इसका सवाब अता फरमा
नोट – बिल ख़ुसुस के बाद जिसके नाम की फातिहा हो उसका नाम लें |
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नोट : औरतें भी फतेह कर सकती है
2 Comments
Masha Allah ❤️❤️❤️
ReplyDeleteMasha Allah
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