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सिर्फ मुसलमानों को ही क्यों हर जगह मारा जा रहा | Tripura Violence - Sunni Muslim

 शिकारी कुत्ते

हर जगह सिर्फ मुसलमान ही क्यों मारे जा रहे है इसकी वजह क्या है ?


आइये पहले माज़ी यानी गुज़रा हुआ कल देखते है 

एक दौर ऐसा गुज़रा है जब तातारियो ने मुसलमानों पर हमला किया था | और उस दौरान तीन दिन में करीब 18 लाख मुसलमानों का क़त्लेआम किया था | यानी एक दिन में 6 लाख मुसलमानों का खून बहाया जाता था | हालात इस क़दर बदतर हो गए थे , इस क़दर खराब हो गए थे की अगर कोई इंसान घर से निकलता और तातारियों सिर्फ इतना मालूम चल जाता ता की इसका ताल्लुक इस्लाम से है तो उसे क़त्ल कर दिया जाता था या उसे रुसवा कर दिया जाता था |
और मुसलमानों में बुजदिली इस क़दर समा चुकी थी , इस क़दर अपना घर बना चुकी थी की तातारी कौम की कोई औरत भी किसी मुसलमान को रोक करके क़त्ल कर देती थी , मुसलमान के सीने पर चढ़ करके उसके जिस्म में खंजर घोप देती थी लेकिन मुसलमान मर्द की इतनी हिम्मत नहीं होती थी की वो ज़बान खोल दे | 

उसी दौर में हलाकू खान की बेटी उसकी सहजादी निहायत ही तकब्बुराना अंदाज़ में निहायत ही घमंड के साथ घोड़े पर सवार हो करके बाहर निकलती है और वो भी सिर्फ ये देखने के लिए की कही कोई मुसलमान ज़िंदा तो नहीं है या कही कोई मुसलमान आवाज़ उठा कर बात तो नहीं कर रहा है | उसके साथ बहुत से सिपाही मौजूद थे |
कुछ ही दूर गयी थी तो सुना कुछ आवाज़ आ रही थी उसने कहा ये कैसी आवाज़ है ? तो एक सख्श ने कहा लगता है कोई मुसलमान दर्स दे रहा है उस लड़की ने बेहद ही तकब्बुर भरे लहजे में कहा बुलाओ इस इंसान को इसकी हिम्मत कैसे हुई की वो इस दौर में भी इस्लाम की तबलीग कर रहा है , इस नाज़ुक दौर में भी दर्स दे रहा है जबकि अभी हमारा बोल बाला है हमारी हुकूमत है |
इसके बाद उस मुसलमान बुज़ुर्ग को बुलाया गया और हलाकू खान की सहज़ादी के सामने पेश किया गया | हलाकू खान की बेटी इस क़दर तकब्बुर में खड़ी होती है की उसका पैर उस मुसलमान बुज़ुर्ग की दाढ़ी को छू ( Touch ) रहा था |

हलाकू खान की बेटी ने तकब्बुर भरे लहज़े में कहा " ऐ मुसलमान बुज़ुर्ग तुम लोग तो कहते हो की अल्लाह तुम लोगो के साथ है | क्या अल्लाह अब भी तुम्हारे साथ है ? जबकि अगर अल्लाह तुम्हारे साथ होता तो तुम इस क़दर रुसवा न होते तुम्हे कामयाबी व कामरानी मिलती "
लेकिन अगर ये कह दो की अल्लाह हमारे साथ है अल्लाह तुम मुसलमानों के साथ नहीं है तो तुम्हारा कत्लेआम नहीं होगा |
इस पर उस बूढ़े बुज़ुर्ग ने जवाब दिया अल्हम्दुलिल्लाह आज भी अल्लाह तआला हमारे साथ है 
ये सुन कर वो लड़की मुस्कुरायी और कहा की साबित करो की अल्लाह तुम्हारे साथ है 
इसपर उस बूढ़े मुस्लिम बुज़ुर्ग ने लड़की से सवाल किया और कहा 
" ये बताओ क्या तुम्हारे पास मवेशी और जानवर है ?
लड़की ने जवाब  दिया  -  हमारे पास बहुत सारे मवेशी और जानवर है 
बुज़ुर्ग ने फिर पूछा - ये बताओ जब वो मवेशी चारागाह में चरने के लिए जाते है जब उनको कोई चराने ले जाता है तो क्या उनके साथ कुछ शिकारी कुत्ते होते है ?
लड़की ने कहा -  हा होते है |
बुज़ुर्ग ने पूछा - शिकारी कुत्ते क्यों होते है ?
लड़की ने कहा - शिकारी कुत्ते इसलिए होते है की बकरियाँ भटकने न पायें सरहद से पार न जाने पायें वो अपने मालिक की दहलीज़ पर रहे अगर सरहद पार हो गयी तो कोई शिकारी जानवर उसे पकड़ लेगा और उसे मार देगा |
तो उस मुस्लिम बुज़ुर्ग ने जवाब दिया - बस बात समझ में आ गयी 
इसी तरह हम भी इस्लामी सरहद को पार कर रहे थे हम भी मुस्तफ़ा करीम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम के सुन्नत की सरहद को पार कर रहे थे और अल्लाह की दहलीज़ से दूर जा रहे थे इसलिए अल्लाह तआला ने हम पर तुम जैसे शिकारी कुत्तो को मुसल्लत कर दिया है ताकि हम फिर से अल्लाह की दहलीज़ पर आ जाएँ फिर से सरहदे इस्लामियां में आ जाएँ  |

इसी तरह हिन्दुस्तान में भी कुछ शिकारी कुत्ते मुसलमानों की मस्जिदों पर हमला कर रहे है | मुसलमानों के मदारिस पर हमला कर रहे है , मुसलमानों के मकान मुसलमानों की दुकान में आग लगा रहे है | आय दिन बेक़सूर मुसलमानों का क़त्ल कर रहे है कमज़ोर मुसलमानों पर हमला कर रहे है |
ऐसे में अगर हम भी अपनी सरहद के अन्दर आ गए अपने रब की दहलीज़ पर आ गए तो इन शिकारी कुत्तो का  हमला करना तो छोडो इनकी हिम्मत नहीं होगी की ये हमारी मस्जिदों हमारे मदारिस हमारे मकान , दूकान , जान , माल , इज्ज़त  की तरफ आँख उठा कर देख सकें |
बस शर्त ये है की हमें अपने रब की दहलीज़ पर आना होगा |

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