मौत क्या है ?
Explained by Maulana Fayyaz Misbahi Allahabadi
मौत क्या है ? क्या सिर्फ जिस्म से रूह के निकल जाने को ही मौत कहते है ?
नहीं बल्कि
- अगर आप हक बोलना छोड़ चुके है तो आपकी ज़बान की मौत हो चुकी है |
- अगर आपके सामने बुराई हो रही हैं और आप देख रहे उसके बावजूद अगर आप हक नहीं बोल पा रहे है तो आपके आँख की मौत हो चुकी है |
- अगर आप ना हक सुनने के आदि हो गए है तो आपके समाअत कि मौत हो चुकी है |
- अगर आप किसी के लिए अच्छा सोच नहीं सकते तो आपके सोच और फ़िक्र की मौत हो चुकी है |
अब हमें अपना जायज़ा लेना चाहिए की हमारे जिस्म में रूह मौजूद होने के बावजूद हम जिन्दो में है या हमारा शुमार मुर्दों में हो रहा है |
अभी हाल ही के मामलात को ले लिया जाये तो इंडिया और पाकिस्तान के बीच जो क्रिकेट मैच हुआ जिसमे पकिस्तान की जीत हुई | भारत ये मैच हार गया और हारने के पीछे किसी एक प्लेयर की गलती नहीं होती बल्कि किसी भी जीत और हार में पूरी की पूरी टीम का हाथ होता है |
लेकिन इस हार पे हुआ क्या ?
कुछ नफरत करने वाले लोगो ने मोहम्मद शमी को निशाना शुरू कर दिया |
और इस नफरत को बढ़ावा देने वाले लोगो के खिलाफ चंद लोगो ने ही ने अपनी आवाज़ उठायी अक्सर लोग खामोश रहे | यहाँ तक जिस BCCI के लिए शमी खेलते है वो BCCI खुद भी खामोश रहा |
इस पुरे के पुरे मामले पर बुराई को देखते हुए जो लोग खामोश रहे उनके जिस्म रूह होने के बावजूद उनका शुमार मुर्दों में होना चाहिए क्योंकि उनकी जबान , आँख , दिमाग , सबकी मौत हो चुकी है |
VIDEO BY - MAULANA FAYYAZ MISBAHI ALLAHABADI
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