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इश्को वफ़ा का अरफा मिनारा ताजे शरियत ताजे शरियत - NEW NAAT AND BEAUTIFUL NAAT

हुज़ूर अख्तर रज़ा अज़हरी  हज़रते ताजुशशरिया रहमतुल्लाह अलैहि  की शान में लिखा एक बहुत बेहतरीन कलाम 

  
दरगाह हज़रत अख्तर रज़ा खान अज़हरी हुजुर ताजुश्शरिया  रहमतुल्लाह अलैहि

इश्को वफ़ा का अरफ़ा मीनारा ताजे शरीयत ताजे शरीयत 
अहले सुनन की आँख का तारा ताजे शरीयत ताजे शरीयत 

फ़ैज़ तुम्हारा कश्ती बनकर आ जाता है मुझको बचाने 
जब भी तलातुम में है पुकारा ताजे शरीयत ताजे शरीयत 

रूह में तुम हो जान में तुम हो क़ल्ब तुम्हारा मसकन है 
फिक्रो सुख़न का भी है नारा ताजे शरीयत ताजे शरीयत 

चाँद सा मुखड़ा नूरी अदायें फ़ैज़ का दरिया इल्म का सागर
रब ने तुमको कितना संवारा ताजे शरीयत ताजे शरीयत 

आप बज़ाहिर छुप तो गये है चश्मे जहाँ से ऐ मुर्शिद 
फिर भी है जारी फ़ैज़ तुम्हारा ताजेशरीयत ताजे शरीयत 

अपने नसीबे की रिफ़अत पर नाज़ करे न क्यो फय्याज़
उसको है हासिल वस्ल तुम्हारा ताजे शरीयत ताजे शरीयत

- मोहम्मद फ़य्याज़ मिस्बाही इलाहाबादी 

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