क़यामत के दिन मीज़ान पर गुनाह और नेकी कैसे तौली जाएगी ?
नेकी कोई ठोस चीज़ तो है नहीं , और न ही गुनाह कोई ऐसी चीज़ है जिसे तराज़ू के एक पडले में रख दिया जाए और दूसरे को दुसरे पडले में और तौल कर लिया जाये | क्योकि दुनिया में जो चीज़ तौली जाती है वो कोई ठोस चीज़ होती है उसे आसानी से तौल लिया जाता है जिससे मालूम हो जाता है की कौन सी चीज़ कितनी भारी है यानी कौन सी चीज़ कितनी ज़्यादा है | जबकि आमाल में कुछ आमाल इखलास के साथ किये जाते है | कुछ काम रेयाकारी के साथ किये जाते है यानी सिर्फ दिखाने के लिए किये जाते है तो इस तरह की चीज़ को अलग अलग कैसे मीज़ान कर देगा ?
बहुत से उलमा ने इसका ये जवाब दिया है की क़यामत के दिन जो बन्दे के आमाल होंगे वो एक रजिस्टर में दर्ज होंगे उनके आमाल जिसमे उनकी अच्छाई और उनकी बुराई दो अलग अलग रजिस्टर में लिखे होंगे ऐसे में जब क़यामत के रोज़ मीज़ान लगाई जाएगी तो बन्दे के आमाल की जगह उनके वही रजिस्टर तौले जायेंगे जिससे ये साबित हो जायेगा की बन्दे ने ज्यादा नेक आमाल किये है या बुरे काम |
आज के वक्त और Science की तरक्की की वजह से ऐसी ऐसी चीज़े , ऐसी ऐसी डिवाइस बनायी जा चुकी है जिसकी मदद से आज के दौर में उन चीज़ों का पता लगाया जा सकता है जो आज से 100 साल पहले लगभग न मुमकिन मानी जाती थी | लेकिन आज के दौर में मॉडर्न साइंस ने इतनी एडवांस किस्म डिवाइस तैयार की जिससे बहुत सी चीजों को तौलना , उसकी पैमाइश करना बहुत आसान हो गया है |
मसलन :
- एक बंद कमरे में कितनी गर्मी है या कितनी ठंडी है यानी उस कमरे के तापमान को मापना बहुत मुश्किल था लेकिन जदीद साइंस के इस दौर में ये काम बहुत आसान हो गया है | थर्मामीटर ( Thermometers ) की मदद से ये पता लगा लिया जाता है की बंद कमरे में कितनी गर्मी है या कितनी ठंडी है |
- इसी तरह किसी वक्त में हवा के बारे उसे मापने का कोई ज़रिया नही था की नापा जा सके की हवा का दबाव कितना है | लेकिन आज के इस दौर में बैरोमीटर ( Barometer ) की मदद हवा के दबाव को मापना बहुत ही आसान हो गया है |
- आवाज़ की पैमाइश के बारे में पहले के दौर में कोई सोच भी नहीं सकता था की आवाज़ की तेज़ी को मापा जा सकता है लेकिन आज के इस मॉडर्न साइंस के दौर में सोनोमीटर ( Sonometer ) के ज़रिये ये पता लगाया जा सकता है की आवाज़ कितनी तेज़ है यानि कितने डेसीबल dB की है |
- इसी तरह इंसान के जिस्म में कितनी गर्मी है उसे बुखार है या नहीं है इस चीज़ को जानने के लिए कोई रास्ता मौजूद नहीं था लेकिन आज थर्मामीटर ( Thermometers ) की मदद से इसका पता आसानी से लगाया जा सकता है |
- इंसान के जिस्म में कितना ग्लूकोस है इस बात का पता पहले नहीं लगाया जा सकता था लेकिन ग्लूकोमीटर के ज़रिये इस बात को मालूम करना बड़ा आसान हो गया है | साथ ही इंसान की बॉडी में कितनी यूरिक एसिड है , कितनी विटामिन है , कितना कैल्किशियम है कितना सफ़ेद खून है , कितना लाल खून है इन सब का पता एक लेब्रोटरी टेस्ट ( Laboratory Test ) के ज़रिये आसानी से किया जाता है |
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अब आप सोचो जब इन्सान जिसकी अक़ल एक हद तक ही महदूद है बावजूद इसके ऐसी ऐसी चीज़े बना डाली है | पैमाइश के लिए ऐसी ऐसी डिवाइस बना चूका है जिसकी मदद से न मुमकिन चीजों को भी तौला और मापा जा सकता है | और जिस अक़ल से इंसान ने इन सारी चीजों को इजाद किया है वो अक़ल इंसान को अल्लाह ने ही दिया है | जब न मुमकिन चीजों की पैमाइश में मखलूक का ये आलम है तो अब आप सोचो की ख़ालिक ( अल्लाह ) का आलम क्या होगा ?
अब आप सोचो जब इन्सान जिसकी अक़ल एक हद तक ही महदूद है बावजूद इसके ऐसी ऐसी चीज़े बना डाली है | पैमाइश के लिए ऐसी ऐसी डिवाइस बना चूका है जिसकी मदद से न मुमकिन चीजों को भी तौला और मापा जा सकता है | और जिस अक़ल से इंसान ने इन सारी चीजों को इजाद किया है वो अक़ल इंसान को अल्लाह ने ही दिया है | जब न मुमकिन चीजों की पैमाइश में मखलूक का ये आलम है तो अब आप सोचो की ख़ालिक ( अल्लाह ) का आलम क्या होगा ?
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