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सवाल : क़यामत में गुनाह और नेकी नहीं तौले जा सकते क्योकि वो कोई चीज़ नहीं - जवाब जानें सबूत के साथ

 क़यामत के दिन मीज़ान पर गुनाह और नेकी कैसे तौली जाएगी ?



मुसलमानों के अक़ीदे में एक अकीदा ये भी है की अल्लाह क़यामत में एक मीज़ान कायम करेगा यानी एक तराज़ू रखेगा जिसमे बन्दे का नेक आमाल और और उसके गुनाहों को तौला जायेगा | और उसी ऐतबार से उसका फैसला किया जायेगा | इस बात पे बहुत से लोग ऐतराज़ करते है और सवाल करते है की 

नेकी कोई ठोस चीज़ तो है नहीं , और न ही गुनाह कोई ऐसी चीज़ है जिसे तराज़ू के एक पडले में रख दिया जाए और दूसरे को दुसरे पडले में और तौल कर लिया जाये | क्योकि दुनिया में जो चीज़ तौली जाती है वो कोई ठोस चीज़ होती है उसे आसानी से तौल लिया जाता है जिससे मालूम हो जाता है की कौन सी चीज़ कितनी भारी है यानी कौन सी चीज़ कितनी ज़्यादा है | जबकि आमाल में कुछ आमाल इखलास के साथ किये जाते है | कुछ काम रेयाकारी के साथ किये जाते है यानी सिर्फ दिखाने के लिए किये जाते है तो इस तरह की चीज़ को अलग अलग कैसे मीज़ान कर देगा ? 

बहुत से उलमा ने इसका ये जवाब दिया है की क़यामत के दिन जो बन्दे के आमाल होंगे वो एक रजिस्टर में दर्ज होंगे उनके आमाल जिसमे उनकी अच्छाई और उनकी बुराई दो अलग अलग रजिस्टर में लिखे होंगे ऐसे में जब क़यामत के रोज़ मीज़ान लगाई जाएगी तो बन्दे के आमाल की जगह उनके वही रजिस्टर तौले जायेंगे जिससे ये साबित हो जायेगा की बन्दे ने ज्यादा नेक आमाल किये है या बुरे काम | 

अब आप इसका Scientific जवाब जानें : की आखिर Science के ऐतबार से ये बात कितनी सही है ?




आज के वक्त और Science की तरक्की की वजह से ऐसी ऐसी चीज़े , ऐसी ऐसी डिवाइस बनायी जा चुकी है जिसकी मदद से आज के दौर में उन चीज़ों का पता लगाया जा सकता है जो आज से 100 साल पहले लगभग न मुमकिन मानी जाती थी | लेकिन आज के दौर में मॉडर्न साइंस ने इतनी एडवांस किस्म डिवाइस तैयार की जिससे बहुत सी चीजों को तौलना , उसकी पैमाइश करना बहुत आसान हो गया है | 

मसलन :

  1. एक बंद कमरे में कितनी गर्मी है या कितनी ठंडी है यानी उस कमरे के तापमान को मापना बहुत मुश्किल था लेकिन जदीद साइंस के इस दौर में ये काम बहुत आसान हो गया है | थर्मामीटर ( Thermometers ) की मदद से ये पता लगा लिया जाता है की बंद कमरे में कितनी गर्मी है या कितनी ठंडी है | 
  2. इसी तरह किसी वक्त में हवा के बारे उसे मापने का कोई ज़रिया नही था की नापा जा सके की हवा का दबाव कितना है | लेकिन आज के इस दौर में बैरोमीटर ( Barometer ) की मदद हवा के दबाव को मापना बहुत ही आसान हो गया है |
  3. आवाज़ की पैमाइश के बारे में पहले के दौर में कोई सोच भी नहीं सकता था की आवाज़ की तेज़ी को मापा जा सकता है लेकिन आज के इस मॉडर्न साइंस के दौर में सोनोमीटर ( Sonometer ) के ज़रिये ये पता लगाया जा सकता है की आवाज़ कितनी तेज़ है यानि कितने डेसीबल dB की है |
  4. इसी तरह इंसान के जिस्म में कितनी गर्मी है उसे बुखार है या नहीं है इस चीज़ को जानने के लिए कोई रास्ता मौजूद नहीं था लेकिन आज थर्मामीटर ( Thermometers ) की मदद से इसका पता आसानी से लगाया जा सकता है |
  5. इंसान के जिस्म में कितना ग्लूकोस है इस बात का पता पहले नहीं लगाया जा सकता था लेकिन ग्लूकोमीटर के ज़रिये इस बात को मालूम करना बड़ा आसान हो गया है | साथ ही इंसान की बॉडी में कितनी यूरिक एसिड है , कितनी विटामिन है , कितना कैल्किशियम है कितना सफ़ेद खून है , कितना लाल खून है इन सब का पता एक लेब्रोटरी टेस्ट ( Laboratory Test ) के ज़रिये आसानी से किया जाता है | 
जिस तरह खून के ज़रिये इंसान के बीमारी का पता लग जाता है | साइंस की वजह से बनायीं गयी डिवाइस से उन चीजों को नापा , मापा और तौला जा सकता है | जो न तो ठोस है और न ही लिक्विड
बिलकुल इसी तरह इस बात में भी कोई शक और सुबहा नहीं की कमायत के दिन लगाई गयी मीज़ान में अल्लाह त'आला ऐसी सिफत पैदा कर देगा जिससे बन्दे के आमाल का पता लग जायेगा की उसमे कितनी नेकियाँ है कितनी बुराइयाँ है | उसके नेक आमाल में इखलास कितना है रियाकारियां ( दिखावा ) कितनी है सब कुछ ज़ाहिर हो जायेगा |


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अब आप सोचो जब इन्सान जिसकी अक़ल एक हद तक ही महदूद है बावजूद इसके ऐसी ऐसी चीज़े बना डाली है | पैमाइश के लिए ऐसी ऐसी डिवाइस बना चूका है जिसकी मदद से न मुमकिन चीजों को भी तौला और मापा जा सकता है | और जिस अक़ल से इंसान ने इन सारी चीजों को इजाद किया है वो अक़ल इंसान को अल्लाह ने ही दिया है | जब न मुमकिन चीजों की पैमाइश में मखलूक का ये आलम है तो अब आप सोचो की ख़ालिक ( अल्लाह ) का आलम क्या होगा ? 

लिहाज़ा इन दलाइलो से ये बात साबित होती है की जब बन्दा जिसकी अक़ल एक हद तक ही महदूद है वो ऐसी ऐसी डिवाइस बना सकता है जिसकी मदद से , हवा , आवाज़ , तापमान जैसी चीजों को भी तौल सकता है उसकी पैमाइश कर सकता है फिर तो अल्लाह कादिरे मुतलक है , अल्लाह तो खालिके काइनात है , अल्लाह तो लोगो को अक़ल देने वाला है , वही तो हो जो सारे काइनात का निज़ाम चलाता है उस अल्लाह की कुदरत और उसकी शान ये है की कयामात के दिन बन्दों के आमाल को ( उसमे इखलास की मिकदार , उसमें रियाकारी की  मिकदार और जो जो मौजूद है ) अल्लाह मीज़ान में डाल देगा और मीज़ान में वो सिफत पैदा कर देगा जिससे सारी चीज़े रौज़े रौशन की तरह अलग हो जाएगी | 

उम्मीद करते है आपको ये बात मसझ आयी होगी और ऐतराज़ करने वालो को जवाब मिल गया होगा |


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