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रमज़ान और कुरआन: एक मुबारक रिश्ता - sunni muslim


 रमज़ान की बरकतें और उसके फायदे



रमज़ान की बरकतें और उसके फायदे

रमज़ान-उल-मुबारक इस्लामी कैलेंडर का सबसे ज़्यादा फ़ज़ीलत वाला और मुक़द्दस महीना है। यह सिर्फ़ रोज़ा रखने का महीना नहीं, बल्कि एक ऐसी इबादत का सिलसिला है जो रूहानी ताज़गी और इख्लाक़ी पाकीज़गी की वजह बनती है।


रमज़ान की बरकतें

1. माफ़ी और रहमत

अल्लाह तआला इस महीने में अपने बंदों पर रहमत बरसाता है। यह गुनाहों की माफ़ी का महीना है और जो इंसान इस महीने में तौबा करता है, अल्लाह उसकी मग़फ़िरत फ़रमा देता है।

2. शब-ए-क़द्र का इनाम

रमज़ान के आख़िरी अशरे (दस दिनों) में एक ऐसी रात होती है जो हज़ार महीनों से बेहतर है। इस रात में की गई इबादत का सवाब बेहिसाब होता है।

3. जन्नत के दरवाज़े खुल जाते हैं

हदीस-ए-नबवी (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) के मुताबिक़, रमज़ान के महीने में जन्नत के दरवाज़े खोल दिए जाते हैं और जहन्नम के दरवाज़े बंद कर दिए जाते हैं।

4. शैतान क़ैद कर दिए जाते हैं

इस महीने में शैतानों को क़ैद कर दिया जाता है, जिससे मुसलमान नेकी की तरफ़ ज़्यादा माइल होते हैं।

5. रोज़े का अज़ीम सवाब

रोज़ा सिर्फ़ भूख और प्यास सहने का नाम नहीं, बल्कि यह सब्र, शुक्र और तक़वा की निशानी है। अल्लाह ने रोज़े का इनाम ख़ुद देने का वादा फ़रमाया है।


रमज़ान के फ़ायदे

1. रूहानी सुधार

इस महीने में रोज़े और इबादत के ज़रिए इंसान का अल्लाह से रिश्ता और मज़बूत हो जाता है।

2. सेहत पर असर

रोज़ा जिस्म को डिटॉक्सिफाई करता है, मेटाबोलिक सिस्टम को बेहतर बनाता है और बीमारियों से महफ़ूज़ रखता है

3. तक़वा और परहेज़गारी

यह महीना मुसलमानों को नफ़्सानी ख़्वाहिशात पर क़ाबू पाने और गुनाहों से दूर रहने की तालीम देता है।

4. सब्र और शुक्र की आदत

रोज़ा इंसान को सब्र और शुक्र का सबक़ सिखाता है, जिससे उसकी ज़िंदगी में इख्लाक़ी सुधार आता है।

5. ग़रीबों और ज़रूरतमंदों की मदद

रमज़ान इंसान में हमदर्दी और एहसास पैदा करता है। इस महीने में सदक़ा-ओ-ख़ैरात का जज़्बा बढ़ता है, जो ग़रीबों के लिए रहमत बनता है।

नतीजा

रमज़ान सिर्फ़ एक महीना नहीं, बल्कि एक ताज़गी भरी रूहानी यात्रा है जो इंसानी ज़िंदगी में न सिर्फ़ इबादत का जज़्बा बढ़ाता है, बल्कि एक बेहतरीन इंसान बनने का मौक़ा भी देता है। यह महीना अल्लाह की रहमत, मग़फ़िरत और जहन्नम से निजात का महीना है, इसलिए हर मुसलमान को इसकी बरकतों से भरपूर फ़ायदा उठाना चाहिए।

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