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जश्न ईद मीलादुन्नबी ﷺ का मतलब क्या सिर्फ झंडे लगाना , गलियां सजाना , नारे लगाना है ? आखिर इससे हासिल क्या होता है ? - Sunni Muslim | Fayyaz Misbahi

जश्ने ईद मीलादुन्नबी ﷺ आक़ा हज़रत मोहम्मद मुस्तफा ﷺ की पैदाइश का दिन  लेकिन इस दिन जो हम करते है जैसे जुलूस निकालते है , नारे लगाते है , गलियां सजाते है इससे हमें हासिल क्या होता है ? आइये देखते है |


रबी उल अव्वल शरीफ हर साल आता है और चला जाता है हम जुलूस निकाल करके , झंडे लगा करके , नारे लगा कर के और जो भी चीज़ आज राइज़ है वो सब करके समझते है की हमने रबी उल अव्वल शरीफ का हक अदा कर दिया है |

आखिर हमने रबी उल अव्वल शरीफ से क्या सीखा ?

  • हम कल भी बेनमाज़ी थे रबी उल अव्वल के बाद भी बेनमाज़ी है |
  • हम कल भी झूठ बोल रहे थे रबी उल अव्वल मानाने के बाद भी झूट बोल रहे है |
  • हम कल भी गरीबो का हक खाते थे रबी उल अव्वल शरीफ मना लेने के बाद भी गरीबो का हक खा रहे है 
  • हम कल भी बुराइयां कर रहे थे और आज भी बुराइयाँ कर रहे है 
तो रबी उल अव्वल शरीफ से हमने सीखा क्या ?
 
  • रबी उल अव्वल शरीफ तो हमें ये बताने आता है अगर कल हम झूठ बोल रहे थे तो आज के इस मुक़द्दस दिन सबसे सच्चे नबी सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की पैदाइश का दिन है उनका दामन थाम कर सच्चे बन जाओ |
  • रबी उल शरीफ तो हमें ये बताने आता है की अगर कल तक तुम खयानत कर रहे थे तो आज सबसे बड़े अमीन के पैदाइश का दिन है की उनका दामन थाम के अमानतदारी सीख जाओ |
  • रबी उल शरीफ तो हमें ये बताने आता है की अगर कल तक तुम गरीबों का हक मारते थे तो आज के दिन सबके हक को दिलाने वाले पैगम्बर की पैदाइश का दिन है उनका दामान थाम कर सबके हुकूक की अदायगी का तरीका सीख जाओ |
  • रबी उल शरीफ तो हमें ये बताने आता है की अगर कल तक तुम बेनमाज़ी थे तो आज मेराज शरीफ से नमाज़ तोहफे में लाने वाले नबी की पैदाइश का दिन है ऐसे में तुमसे तमाम काम छूट जाए लेकिन नमाज़ न छोड़ना |
  • रबी उल शरीफ तो हमें ये बताने आता है की कल तक अगर तुम्हारे पास अपनी कमाई में हरामो हलाल की तमीज़ नहीं थी तो आज दुनिया को हरामो हलाल का पैग़ाम देने वाले नबी की पैदाइश का दिन है उनके नक़्शे कदम पर चलते हुए हरामो हलाल की तमीज़ सीख लो |
तो ऐ मेरे मुस्तफा करीम के दिवानो जिस तरह आप अपने गलियों को अपने घरो को लाइट से रौशन करते हो इसी तरह रबी उल अव्वल शरीफ गुज़र जाने के बाद अपने किरदार को मुस्तफा करीम ﷺ की सुन्नत से इस क़दर  रौशन कर दो की उदुनिया में भी रौशनी पाओ और आखिरत में भी रौशनी पाओ |

बदलना है तो मय बदलो निज़ामे मैकसी बदलो |
वरना चंद पैमाने बदल जाने से क्या होगा || 


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VIDEO BY - MAULANA FAYYAZ MISBAHI ALLAHABADI 


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