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कैसे भारत ने हासिल किया अब तक का सबसे बड़ा हज कोटा? | Sunni Muslim

Saudi Kingdom ने 2025 में होने वाले हज का कोटा फाइनल कर दिया है। इस बार, भारत से 175,025 लोग हज करने जा सकेंगे, जिसे 70:30 के रेश्यो में डिवाइड किया गया है। अब यह 70:30 रेश्यो क्या है, यह आपको बताते हैं।

हालांकि, पाकिस्तान से करीब 180,000 लोग इस साल हज करेंगे। अगर आपको सटीक नंबर बताऊं तो 179,210 लोग इस साल हज पर जाएंगे। पाकिस्तान के लिए भी यह संख्या अपने आप में एक ऐतिहासिक उपलब्धि है।

यह मुमकिन हुआ भारत के अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरण रिजिजू और सऊदी अरब के हज और उमराह मंत्री तौफीक बिन फौजान अल-राबिया के बीच साइन हुए हालिया हज एग्रीमेंट 2025 के बाद। दोनों नेता सऊदी अरब में मिले और आधिकारिक सहमति के बाद हाजियों की संख्या 175,025 फाइनल की गई। यह संख्या भारत के इतिहास में अब तक की सबसे बड़ी है।

साल 1990 में जब लोग भारत से सऊदी हज करने के लिए जाते थे, तो उस समय उनके पास दो विकल्प होते थे कि वे कैसे जाएंगे। एक विकल्प था हवाई मार्ग और दूसरा समुद्री मार्ग। यानी वे हवाई जहाज से जाना चाहते थे या जहाज से।

हज कमेटी ऑफ इंडिया के अनुसार, साल 1990 में जब हज का सफर शुरू हुआ, तो उस समय भारत से 24,000 का हज कोटा फाइनल किया गया। इसमें जहाज से जाने वाले 4,686 लोग थे, जबकि हवाई जहाज से 19,314। फिर साल 1991 में भी यह संख्या 24,000 रही। कुछ लोग जहाज से तो कुछ हवाई जहाज से गए। यह सिलसिला साल 1994 तक यूं ही चलता रहा।

लेकिन 1995 में जहाज का विकल्प खत्म कर दिया गया। अब सभी हाजी सिर्फ हवाई जहाज से ही जा सकते थे। और तब तक यह संख्या बढ़कर 31,000 हो गई।

इसी तरह हर साल यह संख्या कभी बढ़ाई जाती तो कभी घटाई भी जाती। कभी पिछले साल की संख्या को ही दोहरा दिया जाता। साल 1995 में जो संख्या 31,000 थी, वह 10 साल बाद 2005 में बढ़कर 82,000 हो गई। फिर 10 साल बाद यह संख्या बढ़कर 1,20,000 हो गई। और अब एक बार फिर 10 साल बाद, यानी 2025 में, यह संख्या बढ़कर 175,025 हो चुकी है।

मतलब, साल-दर-साल हाजियों की संख्या बढ़ती रही और जो मुसलमान हज करने की हैसियत रखते हैं, वे हज पर जाते रहे। और जब तक यह दुनिया रहेगी, यूं ही लोग हज करते रहेंगे।

शुरुआत में आपको बताया था कि इस बार हज के लिए जो संख्या फाइनल हुई है, यानी 175,025, उसमें 70:30 रेश्यो के साथ लोग हज करेंगे। अब आप इसमें क्या चुनेंगे—70 वाला या फिर 30 वाला? इसका फैसला करने से पहले यह समझ लें कि यह है क्या।

दरअसल, भारत में दो अथॉरिटी हैं, जो हज के लिए काम करती हैं और लोगों को हज पर भेजती हैं। इनमें से एक है HCOI - Hajj Committee of India और दूसरी है HGO - Hajj Group Organizers

हज कमेटी ऑफ इंडिया, जो कि एक सरकारी संस्था है, जबकि Hajj Group Organizers प्राइवेट सेक्टर में आते हैं।

यहां पर हाजियों को दो विकल्प दिए जाते हैं कि वे कैसे जाना चाहते हैं। मान लीजिए, अगर कोई Hajj Committee of India के जरिए हज के लिए जाता है, तो उसे कमेटी की तरफ से तय किए गए एक निश्चित अमाउंट का भुगतान करने के बाद कम खर्च में हज करने का मौका मिलता है। उसे सरकार की तरफ से सपोर्ट मिल जाता है, जैसे हाजी के रहने का इंतजाम, एक जगह से दूसरी जगह जाने के लिए ट्रांसपोर्ट, इमरजेंसी सिचुएशन में मेडिकल सुविधा—यह सब कुछ हाजी की मदद के लिए अरेंज किया जाता है। इसके अलावा, उनके अलग-अलग ग्रुप में ग्रुप लीडर और कोऑर्डिनेटर भी होते हैं।

Hajj Committee of India के जरिए जो लोग हज पर जाते हैं, उन्हें यूनिफॉर्म सर्विस का फायदा मिलता है। मतलब, हर किसी को एक जैसी सुविधाएं मिलती हैं, चाहे वह किसी भी बैकग्राउंड का हो। भले ही कोई अमीर हो या कोई रिक्शा चलाने वाला, जिसने एक-एक रुपया जोड़कर हज के लिए पैसा जमा किया हो।

Hajj Committee of India के जरिए हज करने में करीब 3 से 4 लाख रुपये का खर्च आता है।

वहीं, Hajj Group Organizers, जो कि एक प्राइवेट संस्था है, वहां हाजी अपने हिसाब से अपना पैकेज कस्टमाइज कर सकते हैं। अगर किसी को हज के दौरान लग्जरी सुविधाएं चाहिएं, जैसे आलीशान रहने की जगह हो, चलने के लिए अच्छी गाड़ी हो, तो वह HGO के जरिए हज पर जा सकता है।

इसके अलावा, अगर कोई सरकारी सर्विस नहीं लेना चाहता और प्राइवेट प्रेफर करता है, तो उसके लिए HGO एक विकल्प है।

चूंकि HGO एक प्राइवेट संस्था है, तो इसका खर्च हाजी की डिमांड के हिसाब से फिक्स होता है, जो करीब साढ़े 4 लाख से शुरू होकर कुछ भी हो सकता है।

इस साल जो 70:30 का रेश्यो रखा गया है, उसमें 70%, यानी 122,519 हाजी, Hajj Committee of India के जरिए हज पर जा पाएंगे। वहीं, 30%, यानी 52,507 हाजी, Hajj Group Organizers के जरिए हज कर सकेंगे।

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