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बाबा रामदेव के नफरती बयान का सबसे सटीक जवाब | Baba Ramdev | Sunni Muslim

बाबा रामदेव के इस्लाम मुखालिफ़ बयान का सबसे सटीक जवाब

बाबा रामदेव के बिगले बोल, मुसलमानों पर की गयी उनकी टिप्पड़ी का मुह तोड़ जवाब 



बाबा रामदेव ने एक इवेंट के दौरान मुसलमानो को लेकर एक बेहद ही बचकाना लेकिन नफरत से लबरेज़ एक बयान दिया  जिसके बाद मुल्क में रामदेव को लेकर फसाद बढ़ता हुआ दिख रहा है बाबा रामदेव ने मुसलमानों को लेकर कहा

बाबा रामदेव का विवादित बयान :

"मुसलमानों से पूछो धर्म क्या है ? वो कहेगा की पाँच बार नमाज़ पढ़ो फिर जो मन में आये करो, चाहे हिन्दुओ की बेटी उठा कर ले जाओ, चाहे जो पाप भी करना है करो, वो इस्लाम का मतलब नमाज़ समझते है, नमाज़ ज़रूर पढेंगे क्योकि उनको यही सिखाया गया है की नमाज़ पढ़ो, बाकी जो करना है करो, आतंकवादी बनना है बनो, अपराधी घने बन गए, नमाज़ ज़रूर पढनी, नमाज़ ज़रूर पढ़ो और जो मन में आये करो | 

बाबा रामदेव ने मुसलमानों को लेकर इस तरह कई और बाते कही "जन्नत, जहन्नम, हूरें और यहाँ तक की मुसलमानो के लिबास तक पर बेहूदा टिप्पड़ी करी" रामदेव ने आगे कहा "स्वर्ग का मतलब है टखने के ऊपर पैजामा पहनो, मूछ कटवा लो, टोपी पहन लो, ऐसा कुरान या इस्लाम कहता है मै ऐसा नहीं कह रहा हूँ |  

बाबा रामदेव के इस बयान के बाद लोग कई तरह से अपने अपने ऐतराज़ और गुस्से को ज़ाहिर कर रहे है |
लेकिन आज हम आपको और ख़ास करके बाबा रामदेव ( जिन्हें इस्लाम के अलिफ़ का पता भी नहीं है)  को इस्लाम क्या है? उसकी हकीक़त क्या है? उससे रूबरू करवाते है|

अब जवाब पढ़े :

बाबा रामदेव ने नमाज़ को बेहद ही गलत और नफरती अंदाज़ में पेश किया | जिसमे एक बात कई बार कही की "नमाज़ पढ़ो" रामदेव की इस बात से बिलकुल भी इनकार नहीं, मुसलमानों को नमाज़ हर हाल में पढनी है |

नमाज़ को लेकर नबिये करीम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने इरशाद फरमाया "क़यामत में सबसे पहले नमाज़ का हिसाब लिया जायेगा अगर वो अच्छी और पूरी निकल आई तो बाकी आमाल भी पूरे उतरेंगे, और अगर वो खराब हो गयी तो बाकी आमाल भी ख़राब निकलेंगे" (तिर्मिजी: 413 )

इस बात से साबित होता है की मुसलमानों को हर हाल में नमाज़ पढनी ही पढनी है | लेकिन नमाज़ के बाद जिस तरह बाकी चीज़ों को लेकर बाबा रामदेव ने इस्लाम के खिलाफ नफरती बाते कही अब उसकी भी सच्चाई जान लें | बाबा रामदेव ने कहा "चाहे हिन्दुओ की बेटी उठाकर ले जाओ" जबकी इस्लाम के मुताबिक़

रसूलल्लाह सल्लाहू अलैहि वसल्लम ने फरमाया: "तुम में से किसी के सर में लोहे की कील ठोक दिए जाना बेहतर है, की वो किसी ऐसी  (अजनबी) औरत/लड़की को छुवे जो उसके लिए हलाल नहीं है" (तबरानी कबीर: 16880)

इससे ये भी साबित होता है की इस्लाम अपने मानने वालो को ये पैग़ाम हरगिज़ नहीं देता की वो किसी की बेटी को उठा ले | बाबा रामदेव की ये बात भी सिरे से गलत है जो सिर्फ नफरत फैलाने के लिए है| इसी तरह बाबा की साड़ी बाते सिर्फ और सिर्फ पॉलिटिकली motivated है इसका इस्लाम या मुसलमानों से कोई लेना देना ही नहीं | 
क्योकि इस्लाम कहता है 

इस्लाम का पैग़ाम

  • रसूलल्लाह सल्लाहू अलैहि वसल्लम ने फरमाया: अगर किसी से मिलने जाओ तो अन्दर दाखिल होने से पहले तीन मर्तबा इजाज़त तलब करो, अगर इजाज़त मिल जाए तो ठीक है वरना वापस लौट आओ (मुस्लिम शरीफ: 5633)
  • रसूलल्लाह सल्लाहू अलैहि वसल्लम ने फरमाया: तुम ज़ुल्म करने से बचो! क्योकि ज़ुल्म व सितम की सजा दूसरी सजाओ के मुकाबले सबसे पहले मिलती है | और वालिदैन की नाफ़रमानी से बचो! अल्लाह की कसम वालिदैन का नाफरमान जन्नत की खुशबू भी नहीं पायेगा | जबकि जन्नत की खुशबू एक हज़ार साल की दूरी से महसूस होती है | (तबरानी : 5825)
  • अल्लाह कुरआन में फरमाता है: "ऐ ईमान वालो! जब तुम आपस में खुफिया बाते करो तो गुनाह और ज़ुल्म व ज्यादती और रसूल की नाफ़रमानी की बाते न किया करो, बल्कि भलाई और परहेज़गारी की बाते किया करो और अल्लाह से डरते रहो, जिसके पास तुम सब जमा किये हो जाओगे | (सुरह मुजादला: 58:9)
इस तरह के बहुत से पैग़ाम इस्लाम ने मुसलमानों को दिए है जो इंसानियत और इस जहान के लिए मिसाल है | बावजूद इसके अक्सर बाबा रामदेव जैसे लोग इलाम के खिलाफ, मुसलमानों के खिलाफ ज़हर उगलते रहते है | लेकिन अफ्सोस इस बात का होता है की जिस हिन्दुस्तान के लिए हमारे अबाओ अजदाद ने अपनी जान की कुर्बानी दी है, इस मुल्क को अपने खून से सीचा है उसी हिन्दुस्तान में मुसलमानों के खिलाफ ज़हर उगला जाता है और हुकूमते उसपर कोई कार्यवाही नहीं करती है| 

लेकिन हम राजस्थान की कांग्रेस सरकार से अपील करते है क्योकी आप कहते हो "नफरत छोडो, भारत जोड़ो" तो फिर बाबा रामदेव जैसे नफरती लोगो पर कड़ी से कड़ी कारवाही करके अपने इस नारे "नफरत छोडो, भारत जोड़ो" को सच साबित करके दिखाओ | 


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